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 मैंने अपने कुछ पोस्ट मे आल्ट्रसाउंड के बारे में बात की तो मेरे पास बहोत सारे प्रश्न आये की आल्ट्रसाउंड क्या होता है कैसे कराया जाता हैं आल्ट्रसाउंड करने के लिए कितना खर्चा आता है 


 सो गाइस आज के इस पोस्ट में हम बात करने वाले है की आल्ट्रसाउंड क्या होता है कब और कैसे किस situation में आल्ट्रसाउंड करना जरूरी होता है और आल्ट्रसाउंड में कितना खर्चा आता है तो चलिए शुरू करते हैं 


सबसे पहले हम बात करते हैं की सोनोग्राफि क्या होता है सोनोग्राफि एक टेस्ट प्रोसेस है ये टेस्ट प्रेग्नैंसी ये महिला के प्रेग्नैंसी टेस्ट के दौरन किया जाता हैं 


जिसे आल्ट्रसाउंड टेस्ट भी कहाँ जाता हैं और ये आल्ट्रसाउंड टेस्ट एक मशीन के द्वारा किया जाता हैं आल्ट्रसाउंड मशीन के द्वारा हाईफ्रुक्वंशी वाली तरंगों का यूज करके प्रेगनेंट महिला के पेट और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को पिक्चराइस किया जाता हैंं


 जिससे बच्चे और नॉल के सोनोग्राम बनते हैं वैसे तो आल्ट्रसाउंड और सोनोग्राम शब्द टेक्निकल रूप से दोनों अलग अलग है 

लेकिन इन दोनों नाम का इस्तेमाल एक ही काम के लिए किया जाता हैं यानी की सोनोग्राफि को ही आल्ट्रसाउंड कहा जाता हैं 

चलिए अब हम बात करते हैं सोनोग्राफि या आल्ट्रसाउंड टेस्ट कितने प्रकार के होते हैं वैसे तो सभी आल्ट्रसाउंड का प्रोसेस एक जैसा ही होता है 


और अभी को एक ही तरह का स्कोर किया जाता हैं लेकिन फिर भी 7 अलग अलग तरह के आल्ट्रसाउंड टेस्ट कराये जाते हैं 

1 . ट्रांशवेजाइनल स्कैन   

                              ट्रांसवेजाइनल स्कैन को विशेष रूप रचना से प्रोप्ट्रांडुसन वेजाइनल में सोनोग्राफि फोटोस बनने के लिए इस्तेमाल किया जाता हैं इसका ज्यादा तर इस्तेमाल प्रेग्नैंसी के शुरूआती दिनों में किया जाता हैं  


2 . मानक आल्ट्रसाउंड

                                  मानक आल्ट्रसाउंड टेस्ट तब किया जाता हैं जब बच्चे का विकास हो रहा होता है और टुडि फोटो बनने के लिए किसी प्रेगनेंट महिला के पेट के ऊपर ट्रांडीयुसं का इस्तेमाल किया जाता हैं 


3. Advanced आल्ट्रसाउंड 

                                          ये आल्ट्रसाउंड भी मानक आल्ट्रसाउंड टेस्ट के जैसा ही होता है लेकिन इस टेस्ट को तब किया जाता हैं जब किसी भी तरह की डाउटफुल की दिक्कत की आसंका होती हैं और ये टेस्ट बिल्कुल ही साफ और पियोर चीजों का इस्तेमाल करके किया जाता हैं 

4 . dopalar आल्ट्रसाउंड 

                                      ये प्रोसेस आल्ट्रसाउंड के तरंगों की फ्रुक्वंशी में थोड़े बदलाव का ईलाज करती हैं क्योंकि ये चलती हुई चीजों जैसे की ब्लॉड शैल्स बग़ैरा को बदल सकती हैं

5. 3d आल्ट्रसाउंड 

                           3d आल्ट्रसाउंड प्रेंगनेंट महिला के शरीर में बन रहे बच्चे के 3d फोटोज़ लेने के लिए किया जाता हैं और 3d फोटोज़ लेने के लिए एक स्पेसल् कईं की जाच और सॉप्टेवेयर का इस्तेमाल किया जाता हैं 

6. 4d या फिर डाइन्मिक 3d आल्ट्रसाउंड 

                                                                                ये आल्ट्रसाउंड तब किया जाता हैं जब प्रेगनेंट महिला को बच्चा होने वाला होता हैं पहले बच्चे के चेहरे को देखने के लिए एक खास तरह से स्कैनर बबनया होता हैं और उसका इस्तेमाल कर के बच्चे का चेहरा देखा जा सकता हैं 


7. भ्रूण इकोडिग्राफि यानी fetal इकोडिग्राफि आल्ट्रसाउंड

                        ये आल्ट्रसाउंड तब किया जाता हैं जब बच्चे के दिल का फिजिकल स्ट्रेचर और उसके काम का कल्कूलशं करना होता हैं

 तब इस आल्ट्रसाउंड के तरंगो का इस्तेमाल किया जाता हैं और ये बच्चे के जन्म के बाद हार्ट डिफेक्स के कल्कूलशं करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता हैं 

                                                         

चलिए अब हम बात करते हैं की आल्ट्रसाउंड कैसे किया जाता हैं शरीर के सभी ओंगेश का अलग अलग तरह से आल्ट्रसाउंड किया जाता हैं

 जब किसी भी अंग का आल्ट्रसाउंड किया जाता हैं तो सबसे पहले आल्ट्रसाउंड प्रोसेस में साउंडवेव्स का इस्तेमाल करने के लिए आप के पेट के ऊपर एक खास तरह के एक जेल लगया जाता हैंं

 फिर उसके बाद जाच करने के लिए आप के पेट के ऊपर खाल के ऊपर से रगड़ा जाता हैं इसके बाद transducer का इस्तेमाल किया जाता हैं

 फिर उसके बाद शरीर में बच्चे के काले या सफेद रंग के फोटो देखे जाते हैं एक आल्ट्रसाउंड प्रेग्नैंसी के दौरन कई रिजान्स के लिए इस्तेमाल किया जा सकता हैं

 अगर आप का डॉक्टर पिछले आल्ट्रसाउंड या ब्लॉड टेस्ट में किसी दिक्कत का पाता लगाता है तो आप के डॉक्टर भी आप से आल्ट्रसाउंड करने के लिए बोल सकते हैं 

 नॉनफेक्टस रिजान्स के लिए भी आल्ट्रसाउंड करया जा सकता हैं जैसे की माता पिता के लिए फोटोज तैयार करना या बच्चे के लींग का डिमोकेशं करना एडवांस आल्ट्रसाउंड का इस्तेमाल उस सूरत में किया जाता हैं 

 जब एस्ट्रा डिटेल पिचार्स देखने की जरूरत पड़ती हैं आल्ट्रसाउंड में किसी भी तरह का दर्द फील नही होता हैं लेकिन जब आप के पेट के ऊपर आल्ट्रसाउंड करने से पहले जेल लगया जाता हैं 

तो आप को थोड़ा ठण्डा पन महशुस हो सकता हैं अगर किसी का F. N. C. या वायोक्सी का सिम्पल लिया जाता हैं तो उस दौरन आप को थोड़ा बहोत दर्द का अनुभव हो सकता हैं इस टेस्ट को करने में लगभग 15 से 30 मिनट का समय लगता हैं 


चलिए हम बात करते हैं आल्ट्रसाउंड से हमें क्या क्या जानकरिया मिल सकती हैं अगर हमारे गर्दन का आल्ट्रसाउंड कारया जाता हैं

 तो इससे हमें थौराइड का आकार कितना है उसके बारे में हमें पाता लग सकता हैं इसके अलावा हमारे गर्दन के नाढ़ीयो की जानकारी मिल सकती हैं

 और अगर लिमफाईथिक ग्लैंड का साइज बढ़ गया है तो आल्ट्रसाउंड से पाता लगया जा सकता हैं पेट के आल्ट्रसाउंड मे हमें लीवरपेन क्रिया गौलब्लॉड और आपेन्डीज जैसी प्रॉब्लम की जानकारी मिलती हैं

 और किडनी के आल्ट्रसाउंड में हमें किडनी और यूरिनब्लॉड की जानकारी मिलती हैं इस आल्ट्रसाउंड के मदत से हमारे किडनी की पथरी का भी पाता लगया जा सकता हैं 

पैल्विकोगेश के आल्ट्रसाउंड में आप लोग पैल्विकोगेश की जानकारी ले सकते हैं जैसे की यूट्राशं ओवरी के जानकारी ले सकते हैं 

 प्रेग्नैंसी के दौरन आल्ट्रसाउंड करने से आप लोग बच्चे के आकार बच्चे की सेहत साइज वजन बगैरा की जानकारी ले सकते 

चलिए हम बात करते हैं आल्ट्रसाउंड करने में कितना खर्चा आता है आल्ट्रसाउंड कराने की कीमत आम तौर पर 5 सौ रू. से शुरू हो जाती हैं

 लेकिन अलग अलग hospitals में अलग अलग रेट्स होते हैं दिल्ली में आप को आल्ट्रसाउंड करवाने के लिए आप को कम से कम एक हजार देना पड़ेगे और बड़े हॉस्पिटल में 15 सौ रू.से लेकर 25 सौ रू. आप को देने पड़ेंगे आल्ट्रसाउंड टेस्ट अगर किसी गावरमेंट hospitals से करते हैं


 तो आप को काफी कम पैसें देनें पड़ते हैं इसलिए जहातक हो सके तो आल्ट्रसाउंड टेस्ट गावरमेंट hospitals से ही कराना चाहिए 

चलिए हम बात करते हैं आल्ट्रसाउंड कब करवाया जाता हैं आल्ट्रसाउंड हमारे शरीर के internal organs को देखने के लिए करवाया जाता हैं


 इससे हमें बॉडी के organs के बारे में सारी जानकारी मिल जाती हैं और अगर हमारे शरीर में पानी जमा हो जाएं तो उसे निकालने के लिए भी आल्ट्रसाउंड का इस्तेमाल किया जाता हैं 

जब किसी को F. N . C. या नीडल वायफ़्सी सिम्पल की जरूरत होती हैं तो उस समय भी आल्ट्रसाउंड की कई बार जरूरत पड़ती हैं इसके अलावा बहोत सारे कारण होते हैं

 जिनके लिए शरीर का किसी भी अंग का आल्ट्रसाउंड कराना बहोत जरूरी होता हैं अगर आप को लगता हैं की आप प्रेगनेंट है और आप होम प्रेग्नैंसी किट टेस्ट से टेस्ट करते हैं

 और आप को क्लियर रिजल्ट नहीं मिलता है तो उसके बाद भी आप को एक आल्ट्रसाउंड टेस्ट करवाना चाहिए क्योंकि उससे ये पाता चले गा की प्रेग्नैंसी हैं

 या नहीं और अगर हैं तो कितने दिन का हैं ये सब क्लियर हो जाता हैं इसके अलावा अगर आप abortion करवाते हैं

 चाहें मेडिकल abortion करवाये या शर्जिकल abortion करवाये abortion के बाद भी एक आल्ट्रसाउंड करवाना जरूरी होता हैं क्योंकि abortion के बाद अगर कोई टीशुस बगैरा रहे जाते हैंं

 जिनसे इनफैक्शन के चान्स बढ़ जाते हैं तो आल्ट्रसाउंड से पाता चल जाते हैं और जैसे ही आपको आल्ट्रसाउंड से पाता चल जाता हैं की कोई टीशुस बग़ैरा रहें गये है तो आप उनको क्लियर करा सकते हैं 


सो गाईस आज के इस पोस्ट में अपने जाना की आल्ट्रसाउंड क्या होता हैं कितनी तरह का होता है आल्ट्रसाउंड कब और कैसे क्यु करवाया है

 और आल्ट्रसाउंड करवाने के लिए कितना खर्चा आता आपको ये पोस्ट पसन्द आया है तो प्लीज़ इसको like करिये और अपने फ्रेंड के साथ शेयर करिये और अगर आप के मन में को प्रश्न है तो निचे कॉमेंट में पूछ सकते हैं 

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